किसी भी घटना का अचानक होना नहीं होता – एक चैन रिएक्शन होता है
कोई भी घटना कभी भी अचानक से नहीं होती, वह हमेशा एक चैन रिएक्शन में होती है। केवल हमारा ध्यान नहीं होता उस पर और वह हमारे सामने होने के बावजूद हम उसे नजरअंदाज कर देते हैं। इसी वजह से हमारे धर्म के एपिस्टेमोलॉजी ( ज्ञानमीमांसा, Epistemology) में अज्ञानता (ignorance) के ऊपर बहुत गहरा प्रभाव और महत्व दिया गया है।
कोई भी देश हो, जैसे सीरिया हो, बांग्लादेश हो या भारत हो, हमारे लोग जो भी हो रहा है, उसे समझने की बजाय पार्टी करने में व्यस्त हैं। और जब भी दुश्मन पूरे मूड में हमला करेगा, तो हम कहेंगे कि सब अचानक से हो गया। लेकिन यह अचानक केवल उनके लिए है जो जागरूक नहीं हैं, जो जागरूक हैं, उनके लिए तो यह पहले से पता था और वे तैयार भी थे।और जिन लोगों को लगता है कि यह अचानक हो गया, और अगर आप इन लोगों में से हैं तो समझो आप उस क्षेत्र के लिए तैयार नहीं हो।
जैसे कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और कोई भी घटना हो, चाहे वह बांग्लादेश की हो, सीरिया की हो, या अमेरिका का अफगानिस्तान को छोड़कर जाना हो। कुछ भी अचानक नहीं होता।
वैश्विक घटनाओं के उदाहरण: जो अचानक नहीं होते, बल्कि लंबे समय से चलते हैं
1. ISIS का उदय (Middle East)
- लोग क्या सोचते हैं: 2014 में अचानक ISIS ने इराक और सीरिया के बड़े हिस्सों पर कब्जा कर लिया, और यह सब बहुत चौंकाने वाला था।
- असल में क्या हुआ: ISIS का उदय अचानक नहीं था। यह कई वर्षों की अस्थिरता और मध्य-पूर्व के संघर्षों का परिणाम था, विशेष रूप से इराक युद्ध (2003) और सीरियाई गृहयुद्ध (2011)। शिया और सुन्नी के बीच संघर्ष पिछले 1000 वर्षों से चल रहा है और यह एक इस्लामिक आंतरिक मुद्दा है जो हर देश में पिछले 1400 वर्षों से जारी है। इराक में शिया और सुन्नी के बीच हिंसा और संघर्ष बढ़ते गए थे, जिसने ISIS जैसे उग्रवादी समूहों को बढ़ावा दिया। ISIS का जन्म अल-कायदा से हुआ था, और इस्लामिक दुनिया में मौजूदा आंतरिक तनाव और असंतुलन ने इस समूह को ताकतवर बनाया।
- लोग क्या सोचते हैं: 2014 में यूक्रेनी क्रांति और रूस द्वारा क्रीमिया का विलय अचानक हुआ था।
- असल में क्या हुआ: 2014 की क्रांति, जिसे Euromaidan के नाम से भी जाना जाता है, लंबे समय से बढ़ती असंतोष का परिणाम थी। यूक्रेनी राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच की यूरोपीय संघ के साथ असोसिएशन समझौते पर हस्ताक्षर से इनकार करने के कारण बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। हालांकि, यूक्रेन कई वर्षों से राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा था, जिसमें पश्चिमी यूरोपीय और रूसी समर्थक क्षेत्रीय असहमति प्रमुख थीं। क्रीमिया के विलय और पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष अचानक नहीं थे, बल्कि यह रूस की यूक्रेन के भू-राजनीतिक महत्व के लिए लंबे समय से चली आ रही योजनाओं का परिणाम थे।
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