Thursday, 26 November 2020

असत्य और अधर्म के खिलाफ बोलना सीखें

 

धर्म = जो धारण करने योग्य हो

if dharma characteristics not include Humanity and love or if dharma characteristics against Humanity and love then you can not say this is dharma

Basic in One Line -

धर्म:-प्रेम और त्याग पर आधारित होता है, मनुष्य और प्रकृति के सुगम विकास का माध्यम है praman and other characteristics of dharm

( Example : sanatan dharma, jain , buddhism,Ājīvika )

Religion:- प्रकृति को महत्व न देते हुए मनुष्य के स्वार्थ पूर्ति का माध्यम है।

मजहब:- अय्याशी करने गुलाम बनाने,तलवार की नोक पर जबरजस्ती ,थोपा गया, मानसिक विकृति, और प्रकृति के लिए विनाशकारी। (example : Islam)

 



10 characteristics of dharma:

Sanskrit: मनुस्मृति ( Manusmṛiti ) 1. Dhrti(patience) 2. Ks’ama(forgiveness) 3. Dhama(self-control) 4. Asteya(non-stealing) 5. Shaoca(cleanliness) 6. control over organs 7. Dhii (benevolent intellect) 8. knowledge 9. benevolent truthfulness 10. non-anger


Mahāyāna sūtras

1) generosity (dāna 2) morality (śīla 3) patience (kṣānti 4) vigor(vīrya) 5) concentration(dhyāna) 6) wisdom (prajñā) full Buddhahood (bodhisattva) additional perfections 7) skill-in-means(upāya-kauśalya 8) resolution(praṇidhāna 9) strength (bala) 10) knowledge(jñāna)


The major Jain text, Tattvartha Sutra mentions Das-dharma with the meaning of "ten righteous virtues". These are forbearance, modesty, straightforwardness, purity, truthfulness, self-restraint, austerity, renunciation, non-attachment, and celibacy.


वृषो हि भगवान्धर्मस्तस्य यः कुरुते ह्यलम् । वृषलं तं 

विदुर्देवास्तस्माद्धर्मं न लोपयेत्


जो सब ऐश्वर्यों के देने और सुखों की वर्षा करने वाला धर्म है उसका लोप करता है उसी को विद्वान् लोग वृषल अर्थात् शूद्र और नीच जानते हैं इसलिए, किसी मनुष्य को धर्म का लोप करना उचित नहीं ।


धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः । तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्


मरा हुआ धर्म मारने वाले का नाश, और रक्षित किया हुआ धर्म रक्षक की रक्षा करता है इसलिए धर्म का हनन कभी न करना, इस डर से कि मारा हुआ धर्म कभी हमको न मार डाले । 

  जो पुरूष धर्म का नाश करता है, उसी का नाश धर्म कर देता है, और जो धर्म की रक्षा करता है, उसकी धर्म भी रक्षा करता है । इसलिए मारा हुआ धर्म कभी हमको न मार डाले, इस भय से धर्म का हनन अर्थात् त्याग कभी न करना चाहिए ।


यत्र धर्मो ह्यधर्मेण सत्यं यत्रानृतेन च । हन्यते प्रेक्षमाणानां हतास्तत्र सभासदः ।


जिस सभा में बैठे हुए सभासदों के सामने अधर्म से धर्म और झूठ से सत्य का हनन होता है उस सभा में सब सभासद् मरे से ही हैं । 

जिस सभा में अधर्म से धर्म, असत्य से सत्य, सब सभासदों के देखते हुए मारा जाता है, उस सभा में सब मृतक के समान हैं, जानों उनमें कोई भी नहीं जीता ।



अधर्म

The principal Sufi organisation in the country is the Barelvi seat of Ala Hazrat. Check its guiding principles in the 30 volumes of Fataawa i Razvia. It is nothing but extreme exclusivity and hate for the Kafir. Even has them grouped as ‘nafrat ke ahkam’

https://en.wikiquote.org/wiki/Ahmed_Raza_Khan_Barelvi




  The biggest comedy show on earth

  According to some people nafrat ke ahkam is a philosophy and the sciences

  मुझे लगता हे यहाँ  टेरर फिलोसोफी  होना चाहिए . और ये अकल के अंधे को Science वर्ड कहा से पता लगा वो समज में    नहीं आ रहा हे



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