Wednesday, 25 November 2020

गायों के लिए जान लेने से भी नहीं हिचकती है अफ्रीका की मुंदरी जनजाति

    गायों के लिए जान लेने से भी नहीं हिचकती है अफ्रीका की "मुंदरी_जनजाति", AK_47 राइफल से रात-दिन करते हैं रक्षा:*






*अफ्रीका के सूडान की मुंदरी जनजाति का जीवन गायों के इर्द-गिर्द ही घूमता है। ये लोग गायों के दूध, गोमूत्र, गोबर हर चीज का इस्तेमाल करते हैं और गायों के लिए किसी की जान ले भी सकते हैं और अपनी जान दे भी सकते हैं।*

*अफ्रीका में रहने वाली जनजातियों के जीवन में गायों का महत्व बहुत ज्यादा होता है लेकिन सूडान की एक जनजाति ऐसी है जो इनके लिए जान दे भी सकती है और जान ले भी सकती है। पिछले 11 साल से तंजानिया में कार्यरत जियोफिजिसिस्ट रत्नेश पांडे ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के लिए शताक्षी अस्थाना से बातचीत में बताया है कि दक्षिण सूडान देश में रहने वाली मुंदरी जनजाति के लिए गाय का होना कैसे जीवन के समान है। गाय के बिना उनकी जिंदगी मृतक के समान होती है। "मुंदरी जनजाति" के लिए गायें कीमती होती हैं। यही नहीं, ये मुंदरी जनजाति के लिए चलते-फिरते दवा और पैसों का भंडार हैं और दोस्त जैसी भी हैं। मुंदरी अपने मवेशियों के साथ ही सोते हैं और बंदूक की नोक पर इनकी रक्षा करते हैं।*

*कौन होते हैं मुंदरी?*

*मुंदरी दक्षिण सूडान का एक छोटा सा जातीय समूह है। मुंदरी आदिवासी की मुख्य भूमि दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा से लगभग 75 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। मुंदरी एक चरवाहे के रूप में अपना जीवन जीते हैं। इनके लिए अपने प्राणों से बढ़कर अपने मवेशियों की देखरेख है। मुंदरी लोग गाय को "अंकोले-वातुसी" कहते हैं। मुंदरी लोगों की जान गायों में बसती है। मुंदरी लोग गायों को 'मवेशियों का राजा' मानते हैं। इनकी गायों की उचाई सात से आठ फुट तक ऊंची होती हैं और इनकी कीमत भारतीय रुपये में करीब चालीस हजार के आसपास होती है। इनकी गायों की कीमत से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि आखिर मुंदरी के लिए ये जानवर इतने कीमती क्यों हैं।*

*गायों के लिए हत्या से भी गुरेज नहीं*

*मुंदरी जनजाति के लिए उनके जानवर, विशेषकर गाय ही सब कुछ हैं। मुंदरी गायों की हत्या को सबसे बड़ा पाप मानते हैं। इस कारण शायद ही कभी इस समुदाय में गायों की हत्या हुई है। ये जानवर मुंदरी के लिए एक "स्टेटस सिंबल" हैं। वे दहेज के रूप में भी इनका इस्तेमाल करते हैं। मुंदरी अपने गायों की रक्षा के लिए अपनी जान भी देते हैं और दूसरे की जान ले भी लेते हैं। इस समुदाय में बच्चे और बड़े दोनों गायों की देखभाल करते हैं। इन लोगों के लिए गायें ही सबकुछ है। ये लोग गायों को गर्मी से बचाने के लिए एक विशेष प्रकार की भभूत लगाते हैं, गायों को पानी पिलाने के लि

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