आज के समय में सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम बन गया है, जिसके द्वारा बड़े स्तर पर जनमानस को गुमराह किया जा रहा है। कुछ लोग अपनी निजी सोच और गलत एजेंडा के कारण बड़ी आबादी को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। इस लेख में हम ऐसे ही कुछ उदाहरणों की चर्चा करेंगे, जहां भारत और भारतीय संस्कृति को जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की गई।
ध्रुव राठी और उनकी झूठी रिपोर्टिंग
ध्रुव राठी जैसे यूट्यूबर्स का उदाहरण लें, जो तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं। उनका कहना था कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भारत से बेहतर है, और वहां के लोग अधिक खुशहाल हैं। लेकिन एक साल बाद सच्चाई सबके सामने आई कि उनकी बातों में कोई दम नहीं था। यह सिर्फ सोशल मीडिया पर व्यूज और पैसा कमाने के लिए प्रचार किया गया था।
झूठी रिपोर्ट्स और संगठन
आजकल कई संगठन और यूट्यूब चैनल ऐसे हैं जो भारत को एक पिछड़ा हुआ देश दिखाने का प्रयास करते हैं। कुछ पश्चिमी संगठनों द्वारा भारत के विकास को नजरअंदाज करते हुए झूठे आंकड़े प्रकाशित किए जाते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करना होता है।
कोचिंग सेंटर और उनकी राजनीति
आज की शिक्षा प्रणाली में भी कुछ कोचिंग सेंटर ऐसे हैं, जो छात्रों को राष्ट्रवाद और धर्म की सही समझ नहीं देते। UPSC कोचिंग के कई शिक्षकों को आतंकवादियों को "आतंकवादी" कहने में भी डर लगता है। वे इस बात का बहाना बनाते हैं कि छात्रों को खुद सीखने और समझने का मौका देना चाहिए। वास्तव में, यह लोग सिर्फ पैसे कमाने के लिए खबरों का उपयोग करते हैं और राष्ट्र या धर्म के प्रति उनकी कोई प्रतिबद्धता नहीं होती।
बॉलीवुड और फेक नैरेटिव्स
बॉलीवुड भी एक बड़ा माध्यम बन गया है, जहां भारतीय संस्कृति और समाज को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। कई फिल्मों और वेब सीरीज में जानबूझकर भारतीय परंपराओं को पिछड़ा और आधुनिकता विरोधी दिखाने की कोशिश की जाती है।
मीडिया और झूठी खबरें
कुछ मीडिया हाउस तो इतने पक्षपाती हो गए हैं कि वे झूठी खबरें फैलाकर लोगों को गुमराह करते हैं। उदाहरण के लिए, किसान आंदोलन के समय मीडिया ने कई गलत खबरें प्रकाशित कीं, जैसे कि आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण था। बाद में सच्चाई सामने आई कि इसमें बाहरी तत्वों ने हिंसा भड़काई थी।
निष्कर्ष
सोशल मीडिया, यूट्यूब, और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उद्देश्य समाज को शिक्षित और जागरूक करना होना चाहिए। लेकिन कुछ लोग इनका इस्तेमाल केवल अपने व्यक्तिगत लाभ और झूठी जानकारी फैलाने के लिए कर रहे हैं। ऐसे समय में हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है और सत्य व तथ्य की पहचान करनी होगी।
सुझाव
- तथ्य-जांच करें: किसी भी खबर को सच मानने से पहले उसकी तथ्य-जांच करें।
- सही स्रोत चुनें: केवल विश्वसनीय और निष्पक्ष स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।
- अपने मूल्यों पर अडिग रहें: राष्ट्र और धर्म के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखें और गुमराह न हों।
- सकारात्मक सामग्री का प्रसार करें: ऐसे कंटेंट को प्रमोट करें जो समाज को जागरूक और शिक्षित करता हो।